1. बाल सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम: विद्यालयों, समुदायों और बाल गृहों में बच्चों को उनके अधिकारों, खतरे की पहचान और आत्म-सुरक्षा तकनीकों की जानकारी देना।
2. महिला सुरक्षा प्रशिक्षण: महिलाओं और किशोरियों के लिए आत्मरक्षा (Self-defense) कार्यशालाएँ, कानूनी अधिकारों की जानकारी, और यौन उत्पीड़न के विरुद्ध जागरूकता अभियान।
3. हेल्पलाइन और परामर्श सेवा: संकट में फंसे बच्चों और महिलाओं के लिए 24×7 सहायता और मानसिक स्वास्थ्य परामर्श।
4. उत्पीड़न के मामलों में सहायता: घरेलू हिंसा, बाल शोषण या यौन उत्पीड़न के मामलों में कानूनी सहायता, पुलिस रिपोर्ट में सहयोग, और आश्रय की व्यवस्था।
5. स्कूल और समुदाय आधारित सुरक्षा कार्यक्रम: बच्चों और महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थान (Safe Spaces) सुनिश्चित करने हेतु स्कूलों और मोहल्लों में निगरानी समितियों का गठन।
6. साइबर सुरक्षा शिक्षा: ऑनलाइन उत्पीड़न, साइबर बुलिंग और सोशल मीडिया सुरक्षा के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम।
7. पुनर्वास और पुनर्निर्माण: शोषण या हिंसा से पीड़ित महिलाओं और बच्चों को शिक्षा, काउंसलिंग, कौशल विकास, और रोजगार सहायता प्रदान कर उन्हें फिर से जीवन में स्थापित करना।